किसी की खातिर

किसी की खातिर मोहब्बत की इन्तहा कर दो
लेकिन इतना भी नहीं कि उसको खुदा कर दो
मत चाहो किसी को टूट कर इस कदर
कि अपनी ही वफाओं से उसको बेवफा कर दो।

सच कहा था

सच कहा था किसी ने तन्हाईयों में जीना सीख लो; मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है|

कल जैसे ही

कल जैसे ही हमारा मेहबूब चांदनी रात में बाहर आ गया

आसमां का चाँद भी धरती के चाँद को देखकर शर्मा गया|