कुछ पाने की बेचैनियाँ भी होनी चाहियें दिल में
वरना जीने का क्या फायदा…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कुछ पाने की बेचैनियाँ भी होनी चाहियें दिल में
वरना जीने का क्या फायदा…
क्यो नही मिलता कोई शक्स अपने जैसा
यूँ तो इस दुनिया में क़िरदार बहुत है…
अब तुमको भूल जाने की कोशिश करेंगे हम…
…
तुमसे भी हो सके तो ना आना, मेरे ख्यालों में !
लहज़े में बदज़ुबानी,
चेहरे पे नक़ाब लिए फिरते है,
जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े है
वो मेरा हिसाब लिए फिरते है…।।
जिन्दगी में एक बार वो
मेरी हो जाती
कसम खुदा की,
दुनिया की हर किताब से नाम बेवफाई
का मिटा देता..!!
बहुत देता है तू उसकी
गवाहियाँ और उसकी सफाईया
समझ नहीं आता तू मेरा दिल है या उसका वकील !!!
दिल की उम्मीदों का
हौसला तो देखो,
इन्तजार उसका.. जिसको एहसास तक नहीं.!!!
तुम्हारा दीदार..और वो
भी..आँखों में आँखें डालकर….
.हाय
ये कशिश.. बयाँ करना, मेरे बस की बात नही…. ।।
मेरी आँखों की सुर्खी देख
कर कहने लगे हैं लोग,
”
.
.
.
.
लगता है तेरा प्यार तुझे आजमाता बहुत है……!!
सफ़र तुम्हारे साथ बहुत
छोटा था ……!!
.
.
मगर….
.
.
यादगार हो गये तुम अब ज़िंदगी भर के लिए…!!