कोई हुनर , कोई राज , कोई रविश , कोई तो तरीका बताओ के..
दिल टूटे भी ना , साथ छूटे भी ना ,
कोई रूठे भी ना और जिंदगी गुजर जाऐ ..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोई हुनर , कोई राज , कोई रविश , कोई तो तरीका बताओ के..
दिल टूटे भी ना , साथ छूटे भी ना ,
कोई रूठे भी ना और जिंदगी गुजर जाऐ ..
कभी वक्त मिले तो रखना कदम , मेरे दिल के आगंन में !
हैरान रह जाओगे मेरे दिल में , अपना मुकाम |
शहर का शहर है पत्थर जेसा किस किस का एतबार करू
बे दरदो के आगे कसे मे बेठ के ईजहार करू दूश्मन है सब जान के
अजीब रंग में गुजरी है जिंदगी अपनी.
दिलो पर राज़ किया और मोहब्बत को तरसे..
उन कसमो को भी तोड देना उन वादो को भी तोड दना जिन राहो पे थे |
हम चले उन राहो को भी छोड देना माफ करना खताए |
मेरी नई महफील सजाना तुम भुल जाना वफाये |
मेरी अपनी दूनीया बसाना तुम जनाजा मेरा उठने से पहले महन्दी ना लगाना तुम |
हाथ पकड कर रोक लेते अगर तझ पर जरा भी जोर
होता मेरा ना रोते हम यु तेरे लिये अगर हमारी जिन्दगी
मे तेरे शिवा कोई ओर होता
न रंग हैं न बौछार है…फिर वही इंतजा़र है….
फिर बैठे हैं रंग लिए दिल में..
फिर वही दर्द बेशुमार है….!!
वो बोलते रहे
हम सुनते रहे
जवाब आँखो मे था
वो जुबान मे ढुढँते रहे।
मै इस काबिल तो नहीं की कोई मुझे अपना समझे,
पर इतना यकीन है कोई अफसोस जरूर करेगा मुझे खो देने के बाद..
लहरो की तो फितरत ही हैं शोर मचाने की…..
मंजिल उसी की होती हैं…जो नजरो में तूफ़ान देखता हैं ।