कोई खता न करेंगे

बस एक बार निकाल दो इस इश्क से ए खुदा, फिर जब तक जीयेंगे कोई खता न करेंगे..!!

तजुर्बा एक ही काफी था

तजुर्बा एक ही काफी था ,बयान करने के लिए , मैंने देखा ही नहीं इश्क़….. दोबारा करके…..!!!

अंगुलिया टूट गई

अंगुलिया टूट गई पत्थर तराशते तराशते जब बनी सूरत यार की.. तो खरीददार आ गये !!!

माँ का चेहरा भी हसींन है

माँ का चेहरा भी हसींन है तस्बीह के दानो की तरहा……. मैं प्यार से देखता गया और इबादत होती गयी|

आप से कहना ज़रूर था

अब आप आ गए हैं तो आता नहीं है याद वर्ना हमें कुछ आप से कहना ज़रूर था

कई लोग मुस्कराते हैं..

मेरे तो दर्द भी औरों के काम आते हैं मैं रो पड़ूँ तो कई लोग मुस्कराते हैं…

मैं क्यों कहूँ

मैं क्यों कहूँ उससे की मुझसे बात करो, क्या उसे नहीं मालूम की उसके बिना मेरा दिल नहीं लगता …

मधुमक्खियां डंसती रहीं

यादों की मधुमक्खियां डंसती रहीं वो गया जो छत्ते पे पत्थर मार कर|

कितना चालाक मेरा यार

कितना चालाक मेरा यार सितमगर निकला उस ने तोहफे में घड़ी दी है मगर वक़्त नही..

समझ लेता हूँ

समझ लेता हूँ मीठे लफ्जों की कडवाहटें.. हो गया है अब जिंदगी का तजुर्बा थोडा बहुत..

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