याद ही नहीं रहता कि लोग
छोड़ जाते हैं.
आगे देख रहा था, कोई पीछे से चला गया|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
याद ही नहीं रहता कि लोग
छोड़ जाते हैं.
आगे देख रहा था, कोई पीछे से चला गया|
तेरा आधे मन से मुझको मिलने आना,
खुदा कसम मुझे पूरा तोड़ देता है…
चलो तोड़ते हैं आज मोहब्बत के सारे के उसूल अपने,अब से बेवफाई और दगाबाज़ी दोनों हम करेंगे!
सिसकना,भटकना,और फिर थम जाना….
बहुत तकलीफ देता है, खुद ही संभल जाना|
शक से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते..
कसूर हर बार गल्तियों का नही होता |
कितना खुशनुमा होगा वो मेरे इँतज़ार का मंजर भी…
जब ठुकराने वाले मुझे फिर से पाने के लिये आँसु बहायेंगे|
किस खत में रखकर भेजूं अपने इन्तेजार को ,
बेजुबां है इश्क़ , ढूँढता हैं खामोशी से तुझे
बस यूँ ही लिखता हूँ वजह क्या होगी ..
राहत ज़रा सी आदत ज़रा सी ..
तेरे नाम से ही जाना जाता हु मैं
न जाने ये शोहरत है या बदनामी।।
ये इश्क तो बस एक अफवाह है..
दुनिया में किसको किसकी परवाह है..