लोग कहते है कि वाह क्या शबनम छाई है..
उन्हें क्या मालूम कि चाँद ने रो कर रात बितायी है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लोग कहते है कि वाह क्या शबनम छाई है..
उन्हें क्या मालूम कि चाँद ने रो कर रात बितायी है..
कुछ इस तरह रिश्ते निभाते हैं फरेबी लोग..
अब आपको अपना कहेंगे आप ही के सामने..!
मैं ज़हर तो पी लूँ शौक से तेरी खातिर ….
पर शर्त ये है कि तू सामने बैठ कर साँसों को टूटता देखे !
रहने दे मुझे इन अंधेरों में ग़ालिब,
कमबख़्त रौशनी में अपनो के असली चहरे नज़र आ जाते है !!
जब भी देखता हूँ किसी गरीब को हँसते हुए…
तो यकीन आ जाता है कि खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता …
मानते है हममे “Maasumiyat” है क्योकि “maasumiyat”के पहले 3 शब्द में “Maa” आता है..
और मुझे “Maa” से जुडी हर चीज़ पसंद है..
जिंदगी पर बस इतना ही लिख पाया हूँ मैं,
बहुत मजबूत रिश्ते थे, बहुत कमजोर लोगो से….
नाराज़गियों को कुछ देर चुप रह कर मिटा लिया करो
ग़लतियों पर बात करने से रिश्ते उलझ जाते हैं
कोई बताये के मैं इसका क्या इलाज करूँ,…
परेशां करता है ये दिल धड़क धड़क के मुझे
आहिस्ता बोलने का उसका अंदाज़ भी कमाल था__!!
कानों ने कुछ सुना नहीं, पर दिल सब समझ गया!