कब से
धुप सेंकने के बहाने छत पर हूँ,
पर वो बाल सुखाने नहीं आई अभी
तक।।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कब से
धुप सेंकने के बहाने छत पर हूँ,
पर वो बाल सुखाने नहीं आई अभी
तक।।।
बड़प्पन तो देखिये
उनका हमारी ग़लतियो पर हमी से
क्षमा मांगकर कर्ज़दार कर दिया
|
इस दुनिया
में हर शख्स ने रोज कुछ न कुछ नया माँगा खुदा से….
और….
एक मैं
हूँ जो कभी भी तेरे ख्यालों से आगे ही नहीं गया….iii
सुनो आज हम उदास हैं और उसकी वजह हमे भी पता नहीं हैं…
अजीब-ओ-गरीब फ़रमाईस की है जमाने ने
मुझसे।
कहता हैं,सच बोलो,सबको खुश रखो।।।।
रिश्ते कभी अपने आप नही टूटते अहंकार , अज्ञान और रवैये उन्हें तोड़ देते हे ।।
ईतर से कपड़ों को महकाना
बड़ी बात नहीं ……
मज़ा तो तब हैं जब खुशबु
आपके किरदार से आये !!!
यूँ मेरे ख़त का जबाब आया..
..लिफाफे में एक गुलाब आया ।
यूँ ना देखा करो ….खुदा के लिए ,
मोहब्बत बढ़ गई तो मुसीबत हो जाएगी…
दिल का राज है
लेकिन तुम्है बतला रहा हूँ मैँ “”
“” जिसे खुद भी नही मालुम उसी को चाह रहा हूँ…