मेरी ख़ुशी के लिए

वो जान गयी थी हमें दर्द में मुस्कराने की आदत हैं,
वो रोज नया जख्म देती थी मेरी ख़ुशी के लिए…वो जान गयी थी हमें दर्द में मुस्कराने की आदत हैं,
वो रोज नया जख्म देती थी मेरी ख़ुशी के लिए…

क्रोध में दिया गया

मुस्कुराओ… क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है…

और मुस्कुरा कर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं।

चुरा लेता है

अफ़सोस होता है उस पल जब
अपनी पसंद कोई ओर चुरा लेता है,
ख्वाब हम देखते है और
हक़ीक़त कोई और बना लेता है..