फ़रार हो गई होती कभी की रूह मेरी !
बस एक जिस्म का एहसास रोक लेता है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
फ़रार हो गई होती कभी की रूह मेरी !
बस एक जिस्म का एहसास रोक लेता है !!
ज़िँदगी का खेल अकेले नहीँ खेला जाता..
हमारी तो टीम है आ जाओ या बुला लो . . .
तू जादू हैं तो कोई शक नहीं हैं
मै पागल हूँ तो होना चाहिए था.!
कहते हैं…
काला रंग अशुभ होता है
पर स्कूल का वो ब्लैक बोड
लोगों की जिन्दगी बदल देता है…..
एक तू और एक वक्त,
अफ़सोस की दोनों ही बदल गए
सच बोल-बोल कर यूं दुश्मनी कब तलक..
झूठ बोलना सीख..कुछ दोस्त बना ले
वैसे ही दिन वैसी ही रातें ग़ालिब, वही रोज का फ़साना लगता है
महीना भी नहीं गुजरा और यह साल अभी से पुराना लगता है……
हमको अब उनका…. वास्ता ना दीजिए ….
हमारा अब उनसे…. वास्ता नहीं…
जाता हुआ मौसम लौटकर आया है. ….
काश वो भी कोशिश करके देखे…!!
अब कोई नक्शा नही उतरेगा इस दिल की दीवार पर….!!
तेरी तस्वीर बनाकर कलम तोड़ दी मैंने…