अपने दिल से मिटा ड़ाली तेरे साथ की सारी तस्वीरें
आने लगी जो ख़ुशबू तेरे ज़िस्मों-जां से किसी और की…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अपने दिल से मिटा ड़ाली तेरे साथ की सारी तस्वीरें
आने लगी जो ख़ुशबू तेरे ज़िस्मों-जां से किसी और की…!!
मेरी मुहब्बत अक्सर ये सवाल करती है…
जिनके दिल ही नहीं उनसे ही दिल लगाते क्यूँ हो…
ताश के पत्तों में दरबदर बदलते चले गए…
इश्क़ में सिमटे तो ऐसे के बिखरते चले गए…
यूँ तो दिल ने बसायी थी एक दुनिया उनके संग…
रहने को जब भी निकले उजड़ते चले गए…
काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें
उस बेवफ़ा को भूल न जाएँ तो क्या करें |
चल पडी है मेरी दुआए असर करने को….
तुम बस मेरे होने की तैयारी कर लो…!!
मुझे ज़िंदगी दूर रखती है तुझ से
जो तू पास हो तो उसे दूर कर दूँ
किसी मोहब्बत वाले वकील से ताल्लुक हो तो बताना दोस्तों …
मुझे अपना महबूब अपने नाम
करवाना है..
कितना आसाँ था तेरे हिज्र में मरना जानाँ
फिर भी इक उम्र लगी जान से जाते जाते|
गुमान न कर अपनी खुशनसीबी का..
नशीबी मे होगा तो तुझे भी इश्क होगा..
प्यार मे वह पल बहुत खूबसूरत होता है
जब देखना इबादत और छूना गुनाह लगता है !!