जिन्दगी ने दिया सब कुछ

जिन्दगी ने दिया सब कुछ पर वफा ना दी
जख्म दिये सब ने पर किसी ने दवा ना दी
हमने तो सब को अपना माना
पर किसी ने हमे अपनो में जगह ना दी|

हम सीने से लगा कर रोये ..

आज तेरी याद हम सीने से लगा कर रोये ..

तन्हाई मैं तुझे हम पास बुला कर रोये कई

बार पुकारा इस दिल मैं तुम्हें और

हर बार तुम्हें ना पाकर हम रोये|

दर्द दे गए

दर्द दे गए सितम भी दे गए..

ज़ख़्म के साथ वो मरहम भी दे गए,

दो लफ़्ज़ों से कर गए अपना मन हल्का,

और हमें कभी न रोने की क़सम दे गए|