महसूस कर रहें हैं

महसूस कर रहें हैं तेरी लापरवाहियाँ कुछ दिनों से…
याद रखना अगर हम बदल गये तो,
मनाना तेरे बस की बात ना होगी !!

हर बार बोला

हर बार बोला जाये ये जरूरी तो नहीं
हर राज़ खोला जाये ये जरूरी तो नहीं
हरेक ख़ामोशी भी बयां करती है दर्पण
हर लफ्ज़ तोला जाये ये जरूरी तो नहीं।