चल ओ रे मांझी तू चल ।
अपनी राहों को बनाके एक कश्ती हर पल
न दे के हवाला की क्या होगा यहाँ कल
कुछ अधूरी ख्वाईशो मे भर और बल
कभी उन्हें अपना बना,उनके रंगों मे ढल
युही हर मोड़ हर शहर हर डगर
मुसलसल कर कुछ तू यु पहल
चल ओ रे मांझी तू चल ।
Tag: प्यारी शायरी
आज पास हूँ
आज पास हूँ तो क़दर नहीं है तुमको,
यक़ीन करो टूट जाओगे तुम मेरे चले जाने से|
मैंने कब तुम से
मैंने कब तुम से मुलाकात का वादा चाहा,
मैंने दूर रहकर भी तुम्हे हद से ज्यादा चाहा|
दौर वह आया है
दौर वह आया है, कि कातिल की सज़ा कोई नहीं ,
हर सज़ा उसके लिए है, जिसकी खता कोई नहीं|
रूह के रिश्तों की
रूह के रिश्तों की यही खासियत रही है..
महसूस हो ही जाती है जो बात अनकही है…!!
कलम में जोर जितना है
कलम में जोर जितना है जुदाई की बदौलत है…
मिलने के बाद लिखने वाले लिखना छोड़ देते हैं…
मेरी ज़िन्दगी में
मेरी ज़िन्दगी में तेरी याद भी उसी तरह है,
जैसे सर्दी की चाय में अदरक का स्वाद
क़यामत है उसने
क़यामत है उसने नज़र भी मिलाई
हमें लग रहा था कि बस बात होगी|
मुमकिन नहीं के
मुमकिन नहीं के तू हो मुकम्मल मेरे बगैर !!
ए ख्याल-ए-यार मेरे संग संग चल……!!
तेरे ना होने से
तेरे ना होने से कुछ नहीं बदला,
बस कल जहाँ दिल होता था आज वहाँ दर्द होता है ……!!