हर बार मैं ही गलत होता हूँ
यह तेरी इक ग़लतफ़हमी है|
Tag: प्यारी शायरी
रूह में ज़िंदा है
रूह में ज़िंदा है अब तक, मखमली एहसास तेरा
आहिस्ता साँसे लेता हूँ, यूँ कहीं बिखर ना जाये…
अपनी मंज़िल पे
अपनी मंज़िल पे पहुंचना और खड़े रहना भी,
कितना मुश्किल है बड़े होकर बड़े रहना भी ..!!
पा सकेंगे न उम्र भर
पा सकेंगे न उम्र भर जिस को
जुस्तुजू आज भी उसी की है|
किसी की खातिर
किसी की खातिर मोहब्बत की इन्तेहाँ कर
दो,
लेकिन इतना भी नहीं कि उसको खुदा कर
दो|
जी चाहता है
जी चाहता है देखा करू तुझ को बार बार
जी भरता नही है मेरा इक बार देख कर
कैसे नादान है
कैसे नादान है हम लोग ..
दुख आता है तो अटक जाते है ।
सुख आता है तो भटक जाते है ।
बदला पाने की
बदला पाने की इच्छा रहित जो भलाई की गई है,
वह समुद्र की तरह महान है…!!!
शेर शिकार दबे पांव
शेर शिकार दबे पांव बगैर आहट ही करता है भरोसा और धेर्य रखना जरूरी है…!!!
ये सोचना ग़लत है
ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं,
मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बे-ख़बर नहीं।