आज पास हूँ तो क़दर नहीं है तुमको,
यक़ीन करो टूट जाओगे तुम मेरे चले जाने से|
Tag: प्यारी शायरी
आंसुओ को बहुत
आंसुओ को बहुत समझाया की तन्हाई में आया करो
महफ़िल में हमारा मज़ाक न उडाया करो
इस पर आंसू तड़प कर बोले
इतने लोगो में आपको तन्हा पाते है
इसलिए चले आते है|
होने को तो बहुत
होने को तो बहुत कुछ फिर से हो जाता है,
लेकिन इश्क़ और इत्तेफ़ाक़ अक्सर नहीं हुआ करते !!
हो गए थे
हो गए थे जो कल शहीद वो सब तो आज भी जिंदा हैं
लाशें तो वो हैं, जो शहादत पर शतरंज सजाये बैठे हैं ।
मैं जानता हूँ
मैं जानता हूँ कि रात तेरे कान भरती है
पर क्या करूँ ये दिन बड़ा परेशान करते हैं ।
अब और ना मुझको
अब और ना मुझको तू उन पुराने किये हुए मेरे फिज़ूल से वादों का हवाला दे
बंद कर बक्से में तेरी यादों को कर सकूँ काम अपने, तू बस ऐसा मज़बूत सा ताला दे|
समझने वालों को
समझने वालों को तो बस इक इशारा काफी होता है
वरना कभी कभार बिन चाँद के भी रात का गुजारा होता है ।
मेरी फितरत ही
मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि…
दर्द सहने का लुत्फ़ उठाता हु मैं…
उस फूल को
उस फूल को सनद की ज़रूरत ही क्या वसीम
जिस फूल की गवाही में ख़ुशबु निकल पड़े।
जिन सवालों के जवाब
जिन सवालों के जवाब नहीं होते
वो सवाल, अच्छे सवाल नहीं होते|