सुनते आये है

सुनते आये है की पानी से कट जाते है पत्थर,
शायद मेरे आँसुओं की धार ही थोड़ी कम रही होगी..!

कागज़ कलम मैं

कागज़ कलम मैं तकिये के पास रखता हूँ,
दिन में वक्त नहीं मिलता,मैं तुम्हें नींद में लिखता हूँ..