कांच के टुकड़े बनकर बिखर गयी है
ज़िन्दगी मेरी…
किसी ने समेटा ही नहीं…
हाथ ज़ख़्मी होने के डर से…
Tag: प्यारी शायरी
होठों की हँसी को न समझ
होठों की हँसी को न समझ
हकीकत-ए-जिन्दगी
दिल में उतर कर देख कितने
उदास हैं हम उनके बिन…!!!
ना हमारी चाहत
ना हमारी चाहत इतनी सस्ती है ना ही नफरत,
हम तो ख़ुदा के वो बंदे है जो बस दुआओं में ही मिलते है !!
कितना खुशनुमा होगा
कितना खुशनुमा होगा वो मेरी मौत का मंजर भी,
जब ठुकराने वाले मुझे फिर से पाने के लिये आंसू बहायेंगे !!
मैं अभी तक समझ नहीं पाया
मैं अभी तक समझ नहीं पाया तेरे इन फैसलो को ऐ खुदा,
उस के हक़दार हम नहीं या हमारी दुआओ में दम नहीं !!
होती है मुझ पर
होती है मुझ पर रोज़ तेरी
रहमतों के रंगों की बारिश…
मैं कैसे कह दूँ…?
होली साल में एक बार आती है…?
तुम आओ और कभी दस्तक दो
तुम आओ और कभी दस्तक दो इस दिल पर,..!! प्यार उम्मीद से कम निकले तो सज़ा-ऐ-मौत दे देना…!!
दिल की ख़ामोशी पर
दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ साहेब,
राख के नीचे अक्सर आग दबी होती है !!
गुज़रती शब का
गुज़रती शब का हर इक लम्हा कह गया मुझसे
सहर के बाद भी इक रात आने वाली है…
हमारा क़त्ल करने की
हमारा क़त्ल करने की उनकी साजिश तो देखो,
गुज़रे जब करीब से तो चेहरे से पर्दा हटा लिया !!