यहाँ लोग गिनाते है खूबियां अपनी
मैं अपने आप में खामियां तलाश करता हूँ
Tag: पारिवारिक शायरी
बैठा है क्यों
बैठा है क्यों उदास वो दिलबर की याद में……??
मुझसे तो कह रहा था मुहब्बत फिजूल है……
तेरी कमी आज भी
तेरी कमी आज भी कोई पूरी नही कर सकता
पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमजोरी..
हो ना जाए
हो ना जाए हुस्न की शान में गुस्ताख़ी कहीं
मेरी जान तुम चले जाओ तुम्हे देखके प्यार आता है
उड़ने की चाह
आसमां में उड़ने की चाह रखने वाले..
कभी जमीं पे गिरने की परवाह नहीं करते !!
तुम क्या बिछड़े
तुम क्या बिछड़े भूल गये रिश्तों की शराफ़त हम,
जो भी मिलता है कुछ दिन ही अच्छा लगता है..!!
आँखों से शुरु होकर
आँखों से शुरु होकर आँखों मे मर गई,,
मेरे ख्वाबों की उम्र बस इतनी सी रही|
बहुत सोंचा बहुत समझा
बहुत सोंचा बहुत समझा बहुत देर तक परखा,
तनहा हो के जी लेना
मोहब्बत से बेहतर है!
अकेला चलता रहेगा ..
ऐ वक्त
तु जरा एक मुकाम
तो हासिल करले
कब तक यूं ही
अकेला चलता रहेगा ..❗❗❗
कोई कहता है
कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है!
कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है!
पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से, तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है …