देखी जो नब्ज मेरी

देखी जो नब्ज मेरी, हँस कर बोला वो हकीम,

जा जमा ले महफिल पुराने दोस्तों के साथ,

तेरे हर मर्ज की दवा वही है …

खामोश चहरे पर हजारो पहरे होते है!

खामोश चहरे पर
हजारो पहरे होते है,
हँसती आँखों में भी
जख्म गहरे होते है,
जिनसे अक्सर
रूठ जाते है हम,
असल में उनसे ही
रिश्ते ज्यादा गहरे होते है .
ये दोस्ती का बंधन भी
बडा अजीब है…

मिल जाए तो बातें लंबी….
बिछड जाए तो यादें लंबी….।