अरे हम तो हाथी को भी हवा में उड़ा दिया करते थे.
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वो अलग बात है की अब चिड़ियाँ उड़, तोता उड़ खेलना
छोड़ दिया..
Tag: दोस्ती
मेरे लिए वो एक पल ही काफी है
मेरे लिए वो एक पल ही काफी है जिसमे तुम शामिल हो,
उस पल से ज्यादा तो ज़िन्दगी की ख्वाहिश ही नहीं मुझे…
जिंदगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ
जिंदगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ
मगर,
किसी के ऐतबार का नहीं..!!
खुश रहा करो
खुश रहा करो,
क्यों कि
परेशान होने से कल की
मुश्किल दूर नहीं होती,
बल्कि आज का सुकून भी
चला जाता है..!!!
कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को
कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को .. !!
जो रूठा भी ना हो और बात भी ना करे .. !!
रहने दे अंधेरे मे मुझे
रहने दे अंधेरे मे मुझे…. गालिब
उजाले मे अपनो के असली चेहरे नजर आ जाते हैँ….!
यदि दोस्त ना होते
यदि दोस्त ना होते
एक पल के लिये सोचो कि यदि दोस्त ना होते तो क्या हम ये कर पाते
नर्सरी में गुम हुये पानी की बॉटल का ढक्कन कैसे ढूंढ पाते..
LKG में A B C D लिख कर होशियारी किसे दिखाते..
UKG में आकर हम किसकी पेन्सिल छुपाते..
पहली में बटन वाला पेन्सिल बॉक्स किसेदिखाते..
दूसरी में गिर जाने पर किसका हाथ सामने पाते..
तीसरी में absent होने पर कॉपी किसकी लाते..
चौथी में दूसरे से लड़ने पर डांट किसकी खाते..
पांचवी में फिर हम अपना लंच किसे चखाते..
छठी में टीचर की पिटाई पर हम किसे चिढाते..
सातवीं में खेल में किसे हराते / किससे हारते..
आठवीं में बेस्ट फ्रेंड कहकर किससे मिलवाते..
नवमीं में बीजगणित के सवाल किससे हल करवाते..
दसवीं में बॉयलाजी के स्केचेज़ किससे बनवाते..
ग्यारहवीं में “अपनीवाली” के बारे में किसे बताते..
बारहवीं में बाहर जाने पर आंसू किसके कंधे पर बहाते..
मोबाइल नं. से लेकर “उसकेभाई कितने हैं” कैसे जान पाते..
मम्मी, पापा,दीदी या भैय्या की कमी कैसे सहपाते..
हर रोज कॉपी या पेन भूल कर कॉलेज कैसे जाते..
“अबे बता” परीक्षा में ऐसी आवाज किसे लगाते..
जन्मदिनों पर केक क्या हम खुद ही अपने चेहरे पर लगाते..
कॉलेज बंक कर पिक्चर किसके साथ जाते..
“उसके” घर के चक्कर किसके साथ लगाते..
बहनों की डोलियां हम किसके कंधों के भरोसे उठाते.
ऐसी ही अनगिनत यादों को हम कैसे जोड़ पाते
बिना दोस्तों के हम सांस तो लेते पर,
शायद जिन्दगी ना जी पाते ।
सिखा दिया हैं जहां ने
सिखा दिया हैं जहां ने , हर जख्म पे हसना ……
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ले देख जिन्दगी , अब तुझसे नही डरता …..!!
खोए हुए हम खुद हैं
खोए हुए हम खुद हैं,
और ढूंढते #भगवान को हैं |
सुबह सुबह उठना पड़ता है
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब…।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।