दर्द ऐ दिल

बस एक बार इस दर्द ऐ दिल को खत्म कर दो…
.
.
“मैं वादा करता हूँ फिर कभी मोहब्बत नहीं करूंगा…

कुछ इस तरह

कुछ इस तरह से हमने पूरी क़िताब पढ़ ली….
ख़ामोश बैठी रही ज़िंदगी…चाहतों ने पन्ने पलट दिए….

यू गलत भी

यू गलत भी नहीं होती ,चेहरे की तासीर साहिब

लोग बैसे भी नहीं होते,जैसे नजर आते है

अभी तो बहुत दूर

अभी तो बहुत दूर तक जाना है कई रिश्तों को भुलाना है
मेरी मंजिल है बहुत दूर क्योंकि मुझे तो अलग पहचान बनाना है ।