अकसर तेरी राहो से

अकसर तेरी राहो से गुजरने

वालो को दीवाना बनते देख चुके हैं…

पर बतादे तुम्हें की हम भी एसा

हसीन गुन्हा लाखो बार कर चुके हैं…

ये आशकी तुझसे शुरू

ये आशकी तुझसे शुरू तुझपे खत्म ये

शायरी तूझसै शुरू तूझपै खत्म तैरै लीए

ही सासैं मिली है तेरे लीए ही लीया है

जन्म यै जिदंगी तुझसै शूरू तुझपै खत्म |