हासिल करके मुहोब्बत तो हर कोई कर सकता है..
बिना हासिल किये किसी को चाहना कोइ हमसे पूछे..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हासिल करके मुहोब्बत तो हर कोई कर सकता है..
बिना हासिल किये किसी को चाहना कोइ हमसे पूछे..
ना छेड किस्सा-ए-उल्फत, बडी लम्बी कहानी है,
मैं ज़माने से नहीं हारा, किसी की बात मानी है…
उसने पूछा कि कौन सा तोहफा है मनपसंद,
मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है…
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
नहीं मांगता भगवान कि, जिंदगी सौ साल की दे…
दे भले चंद लम्हों की, लेकिन कमाल की दे..
कभी हम टूटे तो कभी ख्वाब टूटे,
ना जाने कितने टुकड़ो में अरमान टूटे.
हर टुकड़ा एक आइना हैं ज़िन्दगी का,
हर आईने के साथ लाखों जज़्बात टूटे..
जो दिखाई देता वो हमेशा सच नहीं होता..
कही धोखे में आँखे है…कही आँखों के धोखे हैं..
मेरी साँसें तेरी मोहताज है…
तेरा दीदार … उधार दे दे …
नज़र से दिल में मुहब्बत उतारने वाला..
बहुत अजीज़ है मुश्किल में डालने वाला..