ज़ीना हराम कर रखा है, “मेरी इन आँखों ने,
खुली हो तो तलाश तेरी, बंद हो तो ख्वाब तेरे..
Tag: जिंदगी शायरी
थक गया है
थक गया है गम भी अपनी
कलाकारी करते करते,
ऐ खुशी तु भी अपना
किरदार निभा दे जरा।
अपनी मर्जी से भी दो
अपनी मर्जी से भी
दो चार कदम चलने दे ऐ जिंदगी,
तेरे कहने पे तो
बरसों चल रहे है…..
वो साथ थे
वो साथ थे तो
एक लफ़्ज़ ना निकला
लबों से,
दूर क्या हुए
कलम ने क़हर मचा दिया..!!
मुझे मौत में जीवन
मुझे मौत में
जीवन के-
फूल चुनना है
अभी मुरझाना
टूटकर गिरना
और अभी
खिल जाना है
कल यहाँ-
आया था
कौन, कितना रहा
इससे क्या ?
मुझे आज अभी
लौट जाना है
मेरे जाने के बाद
लोग आएँ
अरथी सँभालें
काँधे बदलें
इससे पहले
मुझे खुद सँभलना है.
मौत आये
और जाने कब आये
अभी तो मुझे
सँभल-सँभलकर
रोज-रोज जीना
और रोज-रोज मरना है !
कभी फूलों की तरह
कभी फूलों की तरह मत जीना, जिस दिन खिलोगे…,, टूट कर बिखर जाओगे । जीना है तो पत्थर की तरह जियो; जिस दिन तराशे गए… “खुदा” बन जाओगे
अब तो कोयले
अब तो कोयले भी काले नही लगते
जाना है अंदर से इंसानो को हमने!
सांसें ना रुक जाएं
अचानक सामने पाकर कहीं सांसें ना रुक जाएं ,
…
मेरी आँखों से अपना हाथ हटाना आहिस्ता आहिस्ता ।
शादियों का सीजन
शादियों का सीजन शुरू हो गया है।
अब न जाने कितनो की मोहबत किसी और की हो जायेगी
किसी को अपना बनाना
किसी को अपना बनाना हुनर ही सही
किसी के बन के रहना कमाल होता है |