ऐ दिल मुझसे

ऐ दिल मुझसे बहस ना कर अब चुप भी हो जा,,
उसके बिना साल गुजर गया दिसंबर और गुज़र जाने दे

किसी ना किसी

सीखा जाता है हर हुनर, किसी ना किसी उस्ताद से,
मगर जिंदगी के सबक जमाने की ठोकरें देती हैं।

अच्छी होती है

शोहरत अच्छी होती है,

गुरूर अच्छा नहीं होता..

अपनों से बेरुखी सेे पेश आना,

हुज़ूर अच्छा नहीं होता !!

चाहने की आदत

बहुत कुछ बदला हैं मैने अपने आप में,

लेकिन, तुम्हें वो टूट कर चाहने की आदत अब तक नहीं बदली..