कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।”
देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कितनी झुठी होती है, मोहब्बत की कस्मेँ….।”
देखो तुम भी जिन्दा हो, मैँ भी जिन्दा हूँ….॥
आग लगाने को कहो तो हर शख्स के पास
माचिस है
घर किसी का जले
तो पानी की कमी हो जाती है।।
हम नींद के शौक़ीन ज्यादा तो नहीं लेकिन,
तेरे ख्वाब न देखूं तो गुज़ारा नहीं होता..
जिंदगी का खेल शतरंज से भी मज़ेदार होता है,
लोग हारते भी है तो अपनी ही रानी से …
यह दुनिया
इंसानों की बस्ती है फरिश्ता मत बन,
लोग पत्थर से तुझे मारेंगे
शीशा मत बन,
ऐसा कुछ कर कि सारा जमाना तुझे देखे,
अपनी
पहचान बना, भीड़ का हिस्सा मत बन..!
ना आप अपने आप
को गले लगा सकते हो, ना ही आप अपने कंधे पर सर रखकर रो
सकते हो। ? एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी
है।इसलिये वक़्त उन्हें भी दो जो आपको चाहते है दिल से…|
Baarha khwaab me
Paa kar mujhe pyaasa sa..
Oski zulfon ne kiya
raqs ghataaon jeisa..!
माँ बाप की
मजबूरी ऐ काश कोई समझे,
कमज़ोर बुढ़ापा है मुँहज़ोर जवानी
है…!!
दुनियावी तजुर्बा है हक़ीकत में है होता ;
जो माँ -बाप का
न
होता किसी का नहीं होता …
इतने न कर जुल्म माँ बाप पर बन्दे ;
वे
सोचने लगे कि बेऔलाद ही होता .