मोहब्बत ना हुई..

किस्मत ही मिली थी ऐसी .. कि चैन से जीने
कि सूरत ना हुई,
जिसे चाहा उसे पा न सके .. जो मिला उससे
मोहब्बत ना हुई…!!

जल जाते है

जल जाते है मेरे अंदाज से मेरे दुश्मन….
क्योंकि एक मुद्दत से मैंने न प्यार बदला और न दोस्त…

मनुष्य के स्वभाव

सुधरना-बिगडना मनुष्य के स्वभाव पर निर्भर करता है

ना की माहौल पर l

रामायण में दो पात्र हैं
विभीषण और कैकयी !

ंविभीषण रावण के राज्य में रह कर के भी नही बिगडा

और

कैकयी राम के राज्य में रहकर भी नही सुधरी l

बस दो आँखें….

किसी ने पूछा कौन याद आता है अक्सर तन्हाई में.

हमने कहा कुछ पुराने रास्ते खुलती ज़ुल्फे और बस दो आँखें….!!