दोस्तों से भरे

तू देख कि तुझसे इश्क करने में मुझे कैसे जीना पड़ गया
.
.
दोस्तों से भरे शहर में दीवारों से लिपट कर रोना पड़ गया

तकलीफ दे तो

आदत’ बना ली है। मैंने खुद को तकलीफ देने की । ताकि जब कोई अपना । तकलीफ दे तो फिर ” तकलीफ ” न हो.

इश्क में हूँ

मैं वो हूँ जो आँखों में आँखे डाल के सच
जान
लेता हूँ,
इश्क में हूँ बस इसलिए तेरे झूठ भी सच मान
लेता हूँ !