गिनती तो ठीक से सीखी नही, मगर… इतना मालूम है, खुसिया बाटने से बढ़ती है..!!
Tag: जिंदगी शायरी
कभी तो हिसाब करो
कभी तो हिसाब करो हमारा भी, इतनी मोहब्बत भला देता कौन है… उधार में..!!
जब आंख खुली
जब आंख खुली तो अम्मा की गोदी का एक सहारा था उसका नन्हा सा आंचल मुझको भूमण्डल से प्यारा था उसके चेहरे की झलक देख चेहरा फूलों सा खिलता था उसके स्तन की एक बूंद से मुझको जीवन मिलता था हाथों से बालों को नोंचा पैरों से खूब प्रहार किया फिर भी उस मां ने… Continue reading जब आंख खुली
मिला करो हमसे
दुश्मनी से मिलेगा क्या तुम को दोस्त बन कर मिला करो हमसे
बन के तुम मेरे
बन के तुम मेरे मुझको मुक्कमल करदो, … अधूरे अधूरे तो अब, हम खुद को भी अच्छे नही लगते ।
मुश्किल वक़्त पे
मुझे जानू कहने वाली गर्ल फ्रेंड नही भी मिली तो चलेगा पर……. मुश्किल वक़्त पे भाई कहने वाला दोस्त होना चाइये….
नही है शिकवा
नही है शिकवा हमे किसी की बेरुखी से.. शायद हमे ही नही आता दिलो में घर बनाना..
मां के पैर छूकर
बदल गया है जमाना, पहले मां के पैर छूकर घर से निकलते थे… और अब मोबाईल फोन की बैटरी फुल करके….
किसी गरीब को
किसी गरीब को मत सताना। वो तो बस रो देगा पर… उपरवाले ने सुन लिया तो तू अपनी हस्ती खो देंगा..
कुछ दिन के लिए
कुछ दिन के लिए रूठ के अच्छा किया हुजूर… . जितने अधूरे काम थे,निपटा दिए हमने………