बड़ी ‘अजीब’ सी है शहरो की रोशनी…
उजालो के बावजूद चेहरे ‘पहचानना’ मुश्किल है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बड़ी ‘अजीब’ सी है शहरो की रोशनी…
उजालो के बावजूद चेहरे ‘पहचानना’ मुश्किल है !!
इज़हार-ए-इश्क करो उस से, जो हक़दार हो इसका,,
बड़ी नायाब शय है ये इसे ज़ाया नहीं करते…..
ये वक़्त बेवक़्त मेरे ख्यालों में आने की आदत
छोड़ दो तुम….,
कसूर तुम्हारा होता है और लोग मुझे
आवारा कहते है….।
गलत सुना था कि,
इश्क आँखों से होता है….
दिल तो वो भी ले जाते है,
जो पलकें तक नही उठाते….!!!!
तेरा होना एक ख्वाब है तेरा न होना एक हकीकत
खुशी के आंसू रूकने न देना,
गम के आंसू बहने न देना,
ये जिंदगी न जाने कब रूक जाए,
मगर ये प्यारी सी दोस्ती कभी टूटने न देना।
तुझे याद करता हूँ तो हर दर्द से निजात
मिलती है…!!
लोग यू ही हल्ला मचाते है
की दवाईयाँ महँगी हो गयी है…
सुना है, गीत संगीत बगैर सीखे नही आते..!
न जाने माँ फिर भी लोरी इतने सुर मे कैसे गाती है….
Ab tum mujhe yaad nahi aty..
Ab tum mje yaad ho gaye ho..
किसी को पाने के लिए अपनों को छोड़ना
खुदगर्जी होती है मोहब्बत नहीं….