हँसी यूँ ही नहीं आई है इस ख़ामोश चेहरे पर…..कई ज़ख्मों को सीने में दबाकर रख दिया हमने !
Tag: जिंदगी शायरी
हजारो अश्क मेरे
हजारो अश्क मेरे आँखो की हिरासत में थे
फिर तेरी याद आई और उन्हें जमानत मिल गई
ज़िन्दगी हो तो कई
ज़िन्दगी हो तो कई काम निकल आते है
याद आऊँगा कभी मैं भी ज़रूरत में उसे
वो उम्र कम कर रहा था
वो उम्र कम कर रहा था मेरी
मैं साल अपने बढ़ा रहा था
कल ख़ुशी मिली थी
कल ख़ुशी मिली थी
जल्दी में थी, रुकी नहीं….
तू मोहब्बत से
तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल……हार जाने का हौसला है मुझे !
चीर के ज़मीन को
चीर के ज़मीन को मैं उम्मीदें बोता हूँ
मैं किसान हूं चैन से कहाँ सोता हूँ
इस शहर में
इस शहर में मजदूर जैसा दर बदर कोई नहीं
सैंकड़ों घर बना दिये पर उसका कोई घर नहीं
ताल्लुकात बढ़ाने हैं
ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो
कुछ आदतें बुरी भी सीख लो..ऐब न हों..
तो लोग महफ़िलों में भी नहीं बुलाते…
तकदीरें बदल जाती हैं
तकदीरें बदल जाती हैं जब ज़िंदगी का कोई मकसद हो,
वरना ज़िंदगी कट ही जाती है तकदीरों को इल्ज़ाम देते देते!