लबों से गाल फिर सफ़र तेरी नज़र तक का ..
तौबा,बहुत कम फ़ाँसलें पर इतने मयख़ाने नहीं होते …
Tag: जिंदगी शायरी
लिखते जा रहे हो
लिखते जा रहे हो साहब
मोहब्बत हो गई..या खो गई है|
आजकल रिश्ते नाते
आजकल रिश्ते नाते, रोटी से हो गये,
थोड़ी सी आँच बढ़ी, और जल गये
देर तलक सोने की आदत
देर तलक सोने की आदत छूट गयी
माँ का आँचल छूटा जन्नत छूट गयी
बाहर जैसा मिलता है खा लेते हैं
घर छूटा खाने की लज़्ज़त छूट गयी
चीनी का दाना
तेरा ख़्याल चीनी का दाना हो जैसे..
मेरी उम्मीदें चीटियों की कतारों जैसी…
एक लाइन में
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूँ………
पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये…..
दिल ऐसी शय नही जो
दिल ऐसी शय नही जो काबू में रह सके…समझाऊ किस कदर किसी बेखबर को मैं…!!
जंजीरे बदली जा रही थी..
फ़क़त सिर्फ जंजीरे बदली जा रही थी…
और मैं समझ बैठा के रिहाई हो गई है…..
मुस्कुराहटे तो कई खरीदी थी.
मुस्कुराहटे तो कई खरीदी थी..
मेरे चेहरे पर कोई जंची ही नही..
सुना था लोगों से
सुना था लोगों से
वक्त बदलता है और अब .
वक्त ने बताया के
लोग भी बदलते है …….