मुझसे मौत ने पुछा मै आंऊगीं तो कैसे स्वागत करोगे..
कहा मैने फूल बिछा कर पूछूंगा इतनी देर कैसे लगी….?
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुझसे मौत ने पुछा मै आंऊगीं तो कैसे स्वागत करोगे..
कहा मैने फूल बिछा कर पूछूंगा इतनी देर कैसे लगी….?
वक़्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिये पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक़्त बदलने के लिये।
वक्त सिखा देता है इंसान को फ़लसफ़ा जिंदगी का
फिर नसीब क्या-लकीर क्या-और तकदीर क्या
दर्द का क्या है, जरूरी नहीं चोट लगने पर होता है।
दर्द वहाँ अक्सर दिखता है, जहाँ दिल में अपनापन होता है।।
तुम बस अपने दिल को संभालो साहब …
कहीं मेरे अल्फ़ाज़ तुम्हें दिल का मरीज़ ना बना लें…
मुस्कान के सिवा कुछ न लाया कर चेहरे पर..!
मेरी फ़िक्र हार जाती है तेरी मायूसी देखकर..!!
इश्क़ की दुनिया में
क्या-क्या हमको सौग़ातें मिली सूनी सुबह…..रोती शामें…..
…..जागती रातें मिली…
यह भी नहीं कि मेरे मनाने से आ गया
जब रह नहीं सका तो .. बहाने से आ गया |
वो चीज़ जिसे दिल कहते है
वो भूल गया में रख कर कही
हमें कोई ना पहचान पाया
दोस्तों
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कुछ अंधे थे, कुछ अंधेरों में थे