वो मुझसे दूर रहकर खुश हैं
और
में उसे खुश देखने के लिए दुर हूँ
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो मुझसे दूर रहकर खुश हैं
और
में उसे खुश देखने के लिए दुर हूँ
मीठी यादों के साथ गिर रहा था,
पता नहीं क्यों फिर भी मेरा वह आँसु खारा था…
बेहतर बनाने की कोशिश में,
तुझे वक़्त ही नहीं दे पा रहे हम,
माफ़ करना ऐ ज़िंदगी…!
…तुझे जी नहीं पा रहे हम।
मेरा दिल है सेहरा की रेत सा..
हर जगह तेरे क़दमों के निशाँ मौजूद है..
मीठी यादों के साथ गिर रहा था,
पता नहीं क्यों फिर भी मेरा वह आँसु खारा था…
आज नहीं तो कल तुझे अहसास हो ही जायेगा
के नसीब वालों को मिलते है फिकर करने वाले|
लिबास तय करता है बशर की हैसियत
कफ़न ओढ़ लो तो दुनिया काँधे पे उठाती है।
इश्क़ करता हूँ, तक़ाज़ा नहीं कर सकता मैं
मेरा दामन है सो मेला नहीं कर सकता मैं
इतनी फ़ुर्सत है कि इक दुनिया बना सकता हूँ
पर कोई है जिसे अपना नहीं कर सकता मैं
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बटुए को कहाँ मालूम
पैसे उधार के हैं …
वो तो बस फूला ही रहता है
अपने गुमान में …
तेरी नशे वाली आँखों का…
बड़ा नाम हैं……
आज नजरों से पिला दोहम तो वैसे भी बदनाम है…….