थी विरह की रात वो और दर्द बेशुमार था…!!!
रोते रोते हँस दिया न जाने कैसा प्यार था…!!!
Tag: जिंदगी शायरी
नाउम्मीदी में बिखर जाओ तो
नाउम्मीदी में बिखर जाओ तो बटोर लो खुद को
कि अँधेरी रात के हिस्से में भी एक चाँद होता है।
अब ये न पूछना की..
अब ये न पूछना की..
ये अल्फ़ाज़ कहाँ सेलाता हूँ,
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के,
कुछ अपनी सुनाता हूँ|
देख के दुनिया को
देख के दुनिया को हम भी बदलेंगे अपने मिज़ाज ए ज़िन्दगी ….
..राब्ता सबसे होगा वास्ता किसी से नहीं|
जुनून, हौसला और जिद
जुनून, हौसला और जिद वही है….
मैंने जीने का तरीका बदला है….तेवर नहीं…
नाराजगी चाहे कितनी भी
नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे
तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते |
कौन कहता है
कौन कहता है ,आंसुओं में वजन नहीं होता l
एक आंसू भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता l
जिंदगी क्या हैं
जिंदगी क्या हैं मत पूछो दोस्तों!
सवर गई तो दुल्हन, बिखर गई तो तमाशा हैं !
रोज़ आ जाते हो
रोज़ आ जाते हो बिना इत्तेला दिए ख्वाबों में….
कोई देख लेगा तो हम क्या जवाब देंगे……
सख़्त हाथों से भी…
सख़्त हाथों से भी….
छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ….
रिश्ते ज़ोर से नहीं….
तमीज़ से थामे जाते हैं…