इस सलीक़े से मुझे क़त्ल किया है उसने,
अब भी दुनिया ये समझती है की ज़िंदा हूँ मैं….!!
Tag: जिंदगी शायरी
अपने दिल से
अपने दिल से मिटा ड़ाली तेरे साथ की सारी तस्वीरें
आने लगी जो ख़ुशबू तेरे ज़िस्मों-जां से किसी और की…!!
सुकून मिला है
सुकून मिला है मुझे आज बदनाम होकर…
तेरे हर एक इल्ज़ाम पे यूँ बेज़ुबान होकर….
हम समंदर भर भी
हम समंदर भर भी रोये तो भी जिंदा थे…
क़त्ल तो उस बूँद से हुए जो उनकी आँखों से बह गयी…
सफ़र में धूप
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो,
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो…
मैंने कल शब चाहतों की
मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दी,
सिर्फ एक कागज़ पर लफ्जे माँ रहने दिया …..
ज़िन्दगी के मायने तो
ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे ,
अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो…
वो जिंदगी जिसे
वो जिंदगी जिसे समझा था कहकहा सबने…..
हमारे पास खड़ी थी तो रो रही थी अभी
शीशे में डूब कर
शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को….
कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए एक नाम को……!!
रिश्ते बनावट के
रिश्ते बनावट के पसंद नहीं मुझे..
दोस्त हों या दुश्मन सब…. असली हैं मेरे..