गुमसुम यादें, सूने सपने, टूटती-जुड़ती उम्मीदें ..
डरता हूँ, कैसे कटेगा, उमर है कोई रात नहीं ..
Tag: जिंदगी शायरी
आँसुओ तुम जरा
आँसुओ तुम जरा, अलग रहना,
उसने मुझको, तन्हा बुलाया है..
बे अमल दिल हो
बे अमल दिल हो तो जज़्बात से क्या होता है
खेत अगर बन्जर है तो बरसात से क्या होता है|
दरों दीवार से
दरों दीवार से भी कोई बुलाता है मुझे
तन्हाई बता मुझे मैं जाऊँ तो किधर जाऊँ…
सैर करती है
सैर करती है जब वो हवेली में
चाँद भी खिड़कियां बदलता है
इसे नसीहत कहूँ
इसे नसीहत कहूँ या एक जुबानी चोट ,
एक शख्स कह गया गरीब मोहब्बत नहीं करते !
उनको तो फुरसत नहीं..
उनको तो फुरसत नहीं..
दीवारो तुम ही बात करो..
मुहब्बत मे वह पल
मुहब्बत मे वह पल बहुत खूबसूरत होता है…
जब देखना इबादत और छूना गुनाह लगता है…!!!
छुपे छुपे से रहते हैं
छुपे छुपे से रहते हैं सरेआम नहीं हुआ करते,
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं उनके नाम नहीं
हुआ करते…..
समाए हो नजरों में
समाए हो नजरों में तुम और ये दिल भी मदहोश है ,
अपने एहसासों को लिखूं कैसे मेरी कलम खामोश है !