तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है….!
ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, की वो कौन सा फ़ूल है……!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है….!
ख़ुशबू तो ख़ुद ही बता देती है, की वो कौन सा फ़ूल है……!!
सीख रहा हूँ मै भी अब मीठा झूठ बोलने का हुनर, कड़वे सच ने हमसे, ना जाने, कितने अज़ीज़ छीन लिए|
चलो अब जाने भी दो,क्या करोगे दास्तां सुनकर… खामोशी तुम समझोगी नहीं,और बयां हमसे होगी नहीं…!!!
खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से…
दर्द जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से…
नाजुक लगते थे,जो हसीन लोग वास्ता पड़ा तो पत्थर के निकले!!
बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखनाजहां दरिया समन्दर से मिला,,,, दरिया नहीं रहता|
बेशक हासिल कुछ भी नहीं उन्हें मगर फिर भी..
खुश है कुछ लोग अपनों को ही परेशान करके…
इस जहां में कब किसी का दर्द अपनाते हैं लोग ,
रुख हवा का देख कर अक्सर बदल जाते हैं लोग|
गम बिछड़ने का नहीं करते खानाबदोश
वो तो वीराने बसाने का हुनर जानते हैं|
महसूस कर रहा हूँ मैं खुद को अकेला काश़…तू आके कह दे…मैं हूँ तेरी ..