एक बात पूछें तुमसे..
जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें..
जो इश्क़ हमसे शीखा था ..
अब वो किससे करते हो |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक बात पूछें तुमसे..
जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें..
जो इश्क़ हमसे शीखा था ..
अब वो किससे करते हो |
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको!
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा!
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
सौदेबाजी का हुनर कोई उनसे
सीखे..,
गालों का तिल दिखा कर
सीने का दिल ले गयी …!!!
मैंने कहा प्यार अधूरा ही रहता है
अक्सर वो हँसते हुए बोली पूरा
करके खत्म नहीं करना है मुझे.!!
यूँ ही वो दे रहे है क़त्ल की धमकियाँ,
हम कौन से ज़िंदा है जो मर जाएंगे !!
तुम ये मत समझना की मुझे कोई और नहीं चाहता,
मौत तो तुमसे पहेले ही हमसफ़र बन बैठी है !!
संगदिलों की दुनिया है ये, यहाँ सुनता नहीं फ़रियाद कोई,
यहाँ हँसते है लोग तभी, जब होता है बरबाद कोई !!
उदास रहता है मोहल्ले में बारिशों का पानी आजकल,
सुना है कागज के नाव बनाने वाले बच्चे बङे हो गए है !!
उन्होंने ही रुलाया है मुझको हर बार,
जो कहते थे की तेरे चेहरे की उदासी गँवारा नहीं हमें !!
अपनी खुशियों की चाबी किसी को न देना,
लोग अक्सर दुसरो का सामान खो देते है !!