मेहरबान होकर बुला लो मुझे किसी वक़्त,
मैं गया वक़्त नहीं कि फिर आ भी ना सकूँ…..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेहरबान होकर बुला लो मुझे किसी वक़्त,
मैं गया वक़्त नहीं कि फिर आ भी ना सकूँ…..
मुझे देखो न इस तरह गहरी निगाह से तुम….!!!
दिल डूबने सा लगता है मोहब्बत के ख्य्याल से
रंजिश ही सही , दिल को दुखाने के लिए आ,
आ फिर से मुझे , छोड़ जाने के लिए आ…..
जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया
मिलता तो बहुत कुछ है इस जिंदगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है जो हाँसिल ना हो सका !!
जो फ़ना हो जाऊं तेरी चाहत में तो ग़ुरूर ना करना,
ये असर नहीं तेरे इश्क़ का, मेरी दीवानगी का हुनर है !
तेरे इश्क में डूब कर कतरे से दरिया हो जाऊँ
मैं तुमसे शुरू होकर तुझमें ख़त्म हो जाऊँ…
तुम आ जाओ ख्यालों में और मुस्कुरा दूँ मैं…
गर इसे इश्क़ कहते हैं…तो हाँ इश्क़ है तुमसे….!!
बहुत शौक था सब को जोङ के रखने का !
होश तब आया जब अपने वजूद के टुकङे देखे !!
परेशानियों ने भी क्या खूब याद रखा मेरे घर का पता….
बस ये खुशिया ही है जो आवारा निकली….!!