बहा के आंसू

बहा के आंसू कल रात माँगा था उसे

मगर अफ़सोस

फरिश्तो ने कहा शर्त-ए-कबुलियत ये है की दुआ दोनों तरफ से हो

कहने को तो

कहने को तो तुम कुछ भी कहती रहो .. !!
मगर
भीगी पलकों से जाहिर है, कि भूली तुम भी नहीं हो..||

किसी ने पूछा

किसी ने पूछा तुम्हारी सबसे बड़ी “गलतफहमी” क्या थी…

मैँने हँसकर कहा की उस पर विशवास करना।

मै बिक जाऊँगा

मै बिक जाऊँगा बस तुम खरीद लेना,
सुना है,
बेवफाओ के शहर में थोक के भाव मोहब्बत नीलाम होती है|