आजकल खुद से बात करते हैं ….
ये सोचकर कि सुन रहे हो तुम !!
Tag: कविता
लफ़्ज़ों में बयाँ करूँ
लफ़्ज़ों में बयाँ करूँ जो तुम्हे ,
इक लफ्ज़ मुहब्बत ही काफी है|
ज़िन्दगी जब चुप सी रहती है
ज़िन्दगी जब चुप सी रहती है
मेरे खामोश सवालो पर…
तब दिल की जुबाँ स्याही से
पन्नें सजाती है..!!
अब तो परिन्दे भी
अब तो परिन्दे भी इश्क करते है बिजली के तारो पर …
पेड़ की ड़ालियाँ अब कहाँ बची है मेरे शहर मे
चले जायेंगे तुझे
चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,कदर क्या होती है ये तुझे वक़्त सिखाएगा।
यूँ ना खींच मुझे
यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के,
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले .!
इश्क़ का रंग
इश्क़ का रंग और भी गुलनार हो जाता है….
जब दो शायरों को एक दुसरे से प्यार हो जाता है |
बंद कर दिया
इश्क का धंदा ही बंद कर दिया साहीब
मुनाफे में जेब जले और घाटे में दिल
अजीब तरह से
अजीब तरह से गुजर रही है जिंदगी,
सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ और मिला कुछ !!
नज़र झुकायी तो
नज़र झुकायी तो पूछूँगा इश्क़ का अन्जाम,
नज़र मिलायी तो खाली सलाम कर लूंगा…