by pyarishayri - June 16, 2017सुनो यही तो सुनो यही तो प्यार होता है ना जब कोई जीने लगता हैं किसी और के जिस्म में रूह बनकर
by pyarishayri - June 16, 2017ये जो ख़ामोश सेये जो ख़ामोश से अल्फ़ाज़ लिखे हैं मैंने, कभी ध्यान से पढ़ना, चीखते कमाल है।
by pyarishayri - June 16, 2017वक्त की सीढ़ियों पेवक्त की सीढ़ियों पे उम्र तेज चलती है जवां रहोगे कोई शौक पाल कर रक्खो
by pyarishayri - June 16, 2017इश्क़ का खेलइश्क़ का खेल जवानी के लिए होता है बूढ़े मुँह में मुँहासे नही होते !!
by pyarishayri - June 16, 2017मैंने देखा हैमैंने देखा है मोहब्ब़त का हर मंजर..मैं मुमताज़ नही .पर शाहजहाँ से वाकिफ हूँ.
by pyarishayri - June 16, 2017किस्से बन जाता हैकिस्से बन जाता है, कहानियाँ हो जाता है, इक उम्र के बाद आदमी, आदमी नहीं रहता …
by pyarishayri - June 16, 2017हर आदमी में होते हैंहर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी, जिसको भी देखना हो कईं बार देखना।
by pyarishayri - June 16, 2017बड़ा मासूम जज़्बा हैबड़ा मासूम जज़्बा है सदाक़त हो अगर इसमेंमुहब्बत को जहाँ भी हो मुहब्बत ढूंढ लेती है
by pyarishayri - June 16, 2017तुझको रुसवा न कियातुझको रुसवा न किया ख़ुद भी पशेमाँ न हुये,इश्क़ की रस्म को इस तरह निभाया हमने..!!
by pyarishayri - June 16, 2017बदन के घाव दिखा करबदन के घाव दिखा कर जो अपना पेट भरता है, सुना है, वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है!