उसने मेरे हाथ की लकीरें देखी और फिर हँस कर कहा….
तुझे ज़िन्दगी में सब कुछ मिलेगा एक मेरे सिवा….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उसने मेरे हाथ की लकीरें देखी और फिर हँस कर कहा….
तुझे ज़िन्दगी में सब कुछ मिलेगा एक मेरे सिवा….
हमें उनसे कोई शिकायत नहीं;
शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं!
मेरी तकदीर को लिखकर तो ऊपर वाला भी मुकर गया;
पूछा तो कहा, “ये मेरी लिखावट नहीं”!
इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा,
जितना मैने सिर्फ सोचा है……
इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा,
जितना मैने सिर्फ सोचा है……
पूरी दुनिया नफ़रतों में जल रही है..
इसीलिए इस बार ठण्ड कम लग रही है।
Koi muskurakar rakh gaya
meri kabr’a par mohabbat ka phool;
aaj ishq ki aankhon mein
khumaar utar aaya hai
ए ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को सलाम,
पता है कि मंज़िल मौत है, फिर भी दौड़ रही है…!
उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं,
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं,
जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से,
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं..
मेरी समझदारियोँ ने मेरी मासूमियत को मार ङाला…
–
तुझे अब भी शिकायत है कि मैँ तुझे समझता नहीँ…!!!
बन्दा खुद की नज़र में सही होना चाहिए…
दुनिया तो भगवान से भी दुखी है |