by pyarishayri - Love Shayri, Mosam Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - January 4, 2016 कुछ खटकता तो है कुछ खटकता तो है पहलू में मेरे रह रह कर, अब ख़ुदा जाने तेरी याद है या दिल मेरा।