ये भी क्या एहसान कम है देखिये न आप का,
हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आप का |
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दर्द-ऐ-दिल के नाम से
तुम्ही अब दर्द-ऐ-दिल के नाम से घबराए जाते हो,
तुम्ही तो दिल में शायद आए थे दर्द-ऐ-आशियाँ हो कर|
ज़िंदगी क्या है
ज़िंदगी क्या है जानने के लिये
ज़िंदा रहना बहुत जरुरी है
आज तक कोई भी रहा तो नही
सारी वादी उदास बैठी है
मौसमे गुल ने खुदकशी कर ली
किसने बरुद बोया बागो मे
आओ हम सब पहन ले आइने
सारे देखेंगे अपना ही चेहरा
सारे हसीन लगेंगे यहाँ
है नही जो दिखाई देता है
आइने पर छपा हुआ चेहरा
तर्जुमा आइने का ठीक नही
हम को गलिब ने येह दुआ दी थी
तुम सलामत रहो हज़ार बरस
ये बरस तो फकत दिनो मे गया
लब तेरे मीर ने भी देखे है
पखुड़ी एक गुलाब की सी है
बात सुनते तो गलिब रो जाते
ऐसे बिखरे है रात दिन जैसे
मोतियो वाला हार टूट गया
तुमने मुझको पिरो के रखा था
ज़रा बता दो
ज़रा बता दो हमें की वो पत्थर कहा मिलेगा…
जिसे दिल पे रख कर लोग आसानी से भूल जाते है..!!
उसने हाथो से
उसने हाथो से छू कर दरिया के पानी को गुलाबी कर दिया,
हमारी बात तो और थी उसने मछलियों को भी शराबी कर दिया….
किसी युग की कथा
एक-एक लहर किसी युग की कथा . . .
मुझको गंगा कोई इतिहास लगे . . .
सोचता हूँ धोखे से
सोचता हूँ धोखे से जहर दे दूँ, सारी ख्वाहिशो को दावत पे बुला कर।।
तुम एक बार
तुम एक बार पुछ लो की कैसा हुँ,
घर में पडी सारी दवाइयाँ फेंक ना दू तो कहना…
हमने उसको वहाँ भी
हमने उसको वहाँ भी जाकर माँगा था,जहाँ लोग सिर्फ अपनी खुशियां मांगते है|
उंगली पकड़ के
उंगली पकड़ के जिसको दिखाया था रास्ता…
मंज़िल मिली तो उसने अंगूठा दिखा दिया…