ज़माना हो गया देखो मगर चाहत नहीं बदली,
किसी की ज़िद नहीं बदली, मेरी आदत नहीं बदली.
Category: हिंदी
रखा करो नजदीकियां
रखा करो नजदीकियां, ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं,
फिर मत कहना की चले भी गए और बताया भी नहीं !!
चलो अब जाने भी दो
चलो अब जाने भी दो, क्या करोगे दास्तां सुनकर… खामोशी तुम समझोगे नहीं, और बयां हमसे होगा नहीं…!
टूट सा गया है
टूट सा गया है मेरी चाहतो का बजूद,,
अब कोई अच्छा भी लगे
तो हम इजहार नहीं करते ..
तुझे क्या लगता है
तुझे क्या लगता है मुझे तेरी याद नही आती……… पागल….. अपनी बर्बादी को कौन भुल सकता है|
आदत नही है
आदत नही है ….पीठ पीछे वार करने की .. दो शब्द ….. कम बोलते है …पर सामने बोलते है ..
खेलने दो उन्हें
खेलने दो उन्हें जब तक जी न भर जाए उनका,
मोहब्बत 4 दिन की थी तो शौक कितने दिन
का होगा…..
मेरी खता इतनी थी
मेरी खता इतनी थी की जीना ना आया
दिमाग वालो की बस्ती थी और
मुझे दिल को कहाँ रखना हैं समझ ना आया।
ना थी मेरी तमन्ना
ना थी मेरी तमन्ना कभी तेरे बगैर रहने की लेकिन,
मज़बूर को, मज़बूर की, मज़बूरियां, मज़बूर कर देती है….!!
आसान नही है
आसान नही है हमसे यूँ शायिरयों में जीत पाना।
हम हर एक शब्द मोहब्बत में हार कर लिखते हैं।।