किसी के नहीं होते

आसमां पे ठिकाने किसी के नहीं होते,
जो ज़मीं के नहीं होते, वो कहीं के नहीं होते..!!

ये बुलंदियाँ किस काम की दोस्तों…
की इंसान चढ़े और इंसानियत उतर जायें….

कई बार मैंने देखा है

कई बार मैंने
देखा है खुद को
तुम में
जिसे तुमने पुकारा नहीं
जिद्द में
वो मैं था
है ऐतबार जिसे
अब भी
मुझ में
वो इंतज़ार तुम हो..