सब सो गए थे अपना दर्द अपनो को सुना कर
मेरा भी कोई अपना होता तो मुझे भी नींद आ जाती…….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सब सो गए थे अपना दर्द अपनो को सुना कर
मेरा भी कोई अपना होता तो मुझे भी नींद आ जाती…….
Yaadon ki kimat wo kya jaane,
Jo khud hi yaadon ko mita baithe hain,
Yaadon ki kimat to unse puchoo jo yaadon ke sahare,
Jindagi bita diya karte hain.
सहा ना जाये के उसका लहजा सख्त ऐसा था,
ये और बात थी, वो लब नाजुक फूलों जैसा था.
निगाहों से भी चोट लगती है…
जनाब….
जब कोई देख कर भी अन्देखा कर देता है…!!
वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’
अपने मतलब के लिये और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था.. .
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को, ताकि धुल जाए स्याही,
ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन करता है कभी-कभी।
माना की तेरी नजर मे मै कुछ भी नही,
मगर मेरी कदर तू उनसे पूछ जिन्हे पलटकर नही देखा मैने सिर्फ तेरे
लिए…!!!
एक ही शहर से इतने जनाज़े.,
हसीनाओ पे कोई पाबंदी लगाओ
Hamari Kahani Sun Saki Ki Bhi Aankhon
Main Aansoo Aa Jate Hain, Saare Maikhane Ki
Sharab Peekar Bhi Hum Nashe Main Nahi Aate
Hain, Kya Karein Saki Ab To Itni Jyada Peene
Lage Hain, Kay Hum Maikhane Main Bhi
Darwaje Se Lauta Diye Jate Hain…
रास्ता ‘खूबसूरत’ है
तो
पता कीजिये..
किस ‘मंज़िल’ की तरफ जाता
है!
लेकिन,
अगर ‘मंज़िल’ खूबसूरत हो तो
कभी रास्ते की ‘परवाह’
मत कीजिये |