एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए,
एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए|
Category: शायरी
आपको कुछ और सितम
आपको कुछ और सितम करने की ज़रूरत नहीं,
तन्हा छोड़ दिया है तो अब हम ऐसे ही मर जाएँगे !!
चंद पन्ने क्या फटे
चंद पन्ने क्या फटे ज़िन्दगी की किताब के…!!
ज़माने ने समझा हमारा दौर ही ख़त्म हो गया….
ज़िन्दगी के हर पन्ने पर
छिड़क दिया तुम्हे ज़िन्दगी के हर पन्ने पर इत्र की तरह
मेरे बाद भी मुझमे तुम ही महकोगे|
जमाना कल भी खराब था
जमाना कल भी खराब था और आज भी है द्रोपदी का चिरहरण करने वाले को भूल गए लोग पर
जिसने सीता को हाथ तक भी नही लगाया वो आज तक जल रहा है ………..
अश्क़ भी पूंछ रहे है
अश्क़ भी पूंछ रहे है अब सबब क्या है
क्या तुमने सुना है अश्को का लहू होना|
यादों में ना ढूँढो
यादों में ना ढूँढो हमें
मन में हम बस जायेंगे तमन्ना हो अगर मिलने की ..
तो, हाथ रखो सीनें पर..
हम धड़कनों में ही..
मिल जायेंगे…
सिसकियों कि भी
सिसकियों कि भी अपनी दास्तां हैं,
न गए हुए को वापिस पाती हैं,
न जो रह गए अपने उनको चैन से जीने देती है।
हम मुसाफिर नहीं
हम मुसाफिर नहीं जनाब,
बिन मंजिल के सफर करना फितरत नहीं हमारी।
मंजिलो का शौंक
सबको मंजिलो का शौंक है
मुझे रास्तों का !!